लेखक 1909 में शहर कोमिल्ला, बंग्लादेश में पैदा हुए थे। उन्होने सिविल इन्जीनियरी की पढ़ाई शिवपुर इन्जीनियरीगं कालेज, कलकत्ते से की थी । इन्जीनियरीगं के बाद उन्होने उत्तर प्रदेश, सार्वजनिक निर्माण विभाग में कई साल काम किया। बाद में लेक्चरर की हैसियत से हिवेट पालीटेक्नीक, लखनऊ से जुड़े। छात्रों को पढ़ाते हुए उन्होने यह पुस्तक लिखी जिसमे उन्होने अपने व्यवहारिक और शिक्षात्मक ज्ञान का प्रयोग किया। बाद में वे सिविल इन्जीनियरी विभाग के विभागध्यक्ष बने ।
<p><span style="color: rgb(33, 37, 41); font-family: system-ui, -apple-system, "Segoe UI", Roboto, "Helvetica Neue", Arial, "Noto Sans", "Liberation Sans", sans-serif, "Apple Color Emoji", "Segoe UI Emoji", "Segoe UI Symbol", "Noto Color Emoji"; letter-spacing: 0.7px; text-align: justify;">डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट तथा नक्शानवीस के पाठ्यक्रमों के लिए यह पुस्तक उपयुक्त है। विशय का वर्णनन पूर्ण रूप से इन्जीनियरी विभाग की कार्यप्रणाली और आई. एस. आई. विनिर्देश पर आधारित है।</span><br></p>