Popular English Grammar with Hindi Explanations

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Author: H S Bhatia
Publisher: Ramesh Publishing House
Edition: 36th
ISBN-10: 9789350125
ISBN-13: 9789350125984
Publishing year: 12 June 2022
No of pages: 448
Weight: 438 gm
Book binding: Paperback

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H.S. Bhatia (1915-2007) born at Lahore was a first class law graduate of the Panjab University and an Ex-Ordnance Officer, Indian Army H.S. Bhatia on CoffeeMug, the professional networking community. See H.S.'s complete profile and discover members at similar companies.

<p><span data-sheets-value="{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;यह पुस्तक हिन्दी माध्यम द्वारा अंग्रेजी Grammer (व्याकरण) का ज्ञान देने का प्रयास करती है परन्तु यह कहना आवश्यक है कि इस पुस्तक का मुख्य प्रयास हिन्दी व्याकरण की नहीं अपितु अंग्रेजी व्याकरण की बारीकियों को ओर ध्यान आकृष्ट कराना है। वास्तव में पर्याप्त समय से यह अनुभव किया जा रहा था कि अंग्रेजी व्याकरण (जिसको समझना अधिकतर विद्यार्थी एक असम्भव कार्य मानते थे) को एक सुगम तथा सरल ढंग से प्रस्तुत किया जाये जिससे विद्यार्थी व्याकरण सम्बन्धी ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ, इसकी बारीकियां को भी समझ सकें, वाक्यों की शुद्ध-शुद्ध रचना कर सकें और निबन्ध आदि लिखते समय या Communication के समय इसके अनेक अंगों में उलझने (Pitfalls or Errors) से बच सकें। यह भी सच है कि Market में इस प्रकार की और भी पुस्तकें हैं परन्तु यह प्रयास किया गया है कि Matter Range और Method of Presentation में यह पुस्तक दूसरी ऐसी पुस्तकों से भिन्न हो, जिससे हर प्रकार और हर स्तर के विद्यार्थी उचित लाभ उठा सकें &quot;}" data-sheets-userformat="{&quot;2&quot;:12477,&quot;3&quot;:{&quot;1&quot;:0,&quot;3&quot;:1},&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;6&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;7&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;8&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;10&quot;:1,&quot;15&quot;:&quot;Calibri&quot;,&quot;16&quot;:11}" style="font-size: 11pt; font-family: Calibri, Arial;">यह पुस्तक हिन्दी माध्यम द्वारा अंग्रेजी Grammer (व्याकरण) का ज्ञान देने का प्रयास करती है परन्तु यह कहना आवश्यक है कि इस पुस्तक का मुख्य प्रयास हिन्दी व्याकरण की नहीं अपितु अंग्रेजी व्याकरण की बारीकियों को ओर ध्यान आकृष्ट कराना है।<br>वास्तव में पर्याप्त समय से यह अनुभव किया जा रहा था कि अंग्रेजी व्याकरण (जिसको समझना अधिकतर विद्यार्थी एक असम्भव कार्य मानते थे) को एक सुगम तथा सरल ढंग से प्रस्तुत किया जाये जिससे विद्यार्थी व्याकरण सम्बन्धी ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ, इसकी बारीकियां को भी समझ सकें, वाक्यों की शुद्ध-शुद्ध रचना कर सकें और निबन्ध आदि लिखते समय या Communication के समय इसके अनेक अंगों में उलझने (Pitfalls or Errors) से बच सकें।<br>यह भी सच है कि Market में इस प्रकार की और भी पुस्तकें हैं परन्तु यह प्रयास किया गया है कि Matter Range और Method of Presentation में यह पुस्तक दूसरी ऐसी पुस्तकों से भिन्न हो, जिससे हर प्रकार और हर स्तर के विद्यार्थी उचित लाभ उठा सकें<br></span></p>