Popular Nibandh (Hindi)

Availability :
In Stock
₹ 107.30 M.R.P.:₹ 145 You Save: ₹37.70  (26.00% OFF)
  (Inclusive of all taxes)
₹ 0.00 Delivery charge
Author: Suraj Bhan Kaushik
Publisher: Ramesh Publishing House
Edition: 35th
ISBN-10: 9789350126
ISBN-13: 9789350126424
Publishing year: 1 December 2019
No of pages: 368
Weight: 280 g
Book binding: Paperback

Qty :

no information available

<p><span data-sheets-value="{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;इस अनुपम पुस्तक ‘आधुनिक निबन्ध’ की रचना विभिन्न वर्ग के पाठकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर की गई है। पुस्तक विभिन्न शैक्षिक तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अति-उपयोगी है। निबन्ध तथा पत्र-लेखन एक कला है जो प्रायः गहन अध्ययन तथा अभ्यास द्वारा ही सीखी जा सकती है। पुस्तक का मुख्य उद्देश्य पाठकों में रचनात्मक प्रवृत्ति का विकास करना एवं उन्हें प्रभावी एवं सुस्पष्ट निबंध एवं पत्र लिखने के लिए प्रेरित करना है। इसमें तार्किक रूप से अनुक्रम में लिखने की कला पर विशेष बल दिया गया है। साथ ही अनुच्छेद लेखन, संवाद लेखन, अपठित गद्यांश, संक्षिप्तीकरण एवं व्याकरण को भी पुस्तक में शामिल किया गया है। पुस्तक एक सरल एवं पाठक-मित्रवत् रूप में प्रस्तुत की गई है जिससे कि सभी प्रकार के पाठक उत्तम निबन्ध एवं पत्र लिखने की कला आसानी से समझ एवं सीख सकें। पुस्तक अवश्य ही जिज्ञासु विद्यार्थियों एवं प्रबुद्ध पाठकों तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए अति-उपयोगी सिद्ध होगी। &quot;}" data-sheets-userformat="{&quot;2&quot;:12477,&quot;3&quot;:{&quot;1&quot;:0,&quot;3&quot;:1},&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;6&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;7&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;8&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;10&quot;:1,&quot;15&quot;:&quot;Calibri&quot;,&quot;16&quot;:11}" style="font-size: 11pt; font-family: Calibri, Arial;">इस अनुपम पुस्तक ‘आधुनिक निबन्ध’ की रचना विभिन्न वर्ग के पाठकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर की गई है। पुस्तक विभिन्न शैक्षिक तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अति-उपयोगी है।<br>निबन्ध तथा पत्र-लेखन एक कला है जो प्रायः गहन अध्ययन तथा अभ्यास द्वारा ही सीखी जा सकती है। पुस्तक का मुख्य उद्देश्य पाठकों में रचनात्मक प्रवृत्ति का विकास करना एवं उन्हें प्रभावी एवं सुस्पष्ट निबंध एवं पत्र लिखने के लिए प्रेरित करना है। इसमें तार्किक रूप से अनुक्रम में लिखने की कला पर विशेष बल दिया गया है। साथ ही अनुच्छेद लेखन, संवाद लेखन, अपठित गद्यांश, संक्षिप्तीकरण एवं व्याकरण को भी पुस्तक में शामिल किया गया है।<br>पुस्तक एक सरल एवं पाठक-मित्रवत् रूप में प्रस्तुत की गई है जिससे कि सभी प्रकार के पाठक उत्तम निबन्ध एवं पत्र लिखने की कला आसानी से समझ एवं सीख सकें। पुस्तक अवश्य ही जिज्ञासु विद्यार्थियों एवं प्रबुद्ध पाठकों तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए अति-उपयोगी सिद्ध होगी।<br></span></p>