Bacchon Ka Swasthaya Aur Unki Dekhbhal (Pb 2016) (In Hindi)

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Author: Meharban Singh
Publisher: CBS Publishers
Edition: FIRST
ISBN-13: 9788123928968
Publishing year: 2016
No of pages: 380
Weight: 476 g
Book binding: Paperback

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मेहरबानसिंह भूतपूर्व प्रोफेसर और हैड, डिपार्टमेंट ऑफ पिडियाट्रिक्स, आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईसज, नई दिल्ली, हमारे देश के एक बहुत जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ हैं । इन्हें बच्चों के स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हल करने का 50 सालों का अनुभव है । इन्होंने बीमार बच्चों और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर 300 पेपर और रिसर्च आर्टिकल तथा दस परास्नातकों के लिए किताबें लिखीं हैं। इन्होंने 1979-83 के दौरान इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ चाईल्ड केयर, काबुल, अफगानिस्तान में डायरेक्टर के पद पर काम किया है, इन्होंने नेशनल अकादमी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इंडियन अकादमी ऑफ पिडियाट्रिक्स, नेशनल निओनैटॉलोजी फोरम ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल मेडिकल साईसेज अकादमी, अमेरिकन अकादमी ऑफ पिडियाट्रिक्स तथा यूनाइटिड राइटर्स एसोसिएशन से छात्रावृत्तियां प्राप्त की हैं। इन्होंने बहुत से देशों में कंसलटेंट तथा पिडियाट्रिक्स के प्राध्यापक के पद पर कार्य किया है। इन्होंने राष्ट्रीय सचिव, नेशनल निओनैटॉलोजी फोरम ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद तथा इंडियन अकादमी ऑफ पिडियाट्रिक्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर योगदान दिया है । डॉ. मेहरबान सिंह ने बच्चों को होने वाली साधारण परेशानियों के विषय में साधारण भाषा में अभिभावकों और चिकित्सकों के लिए बहुत ही अच्छी किताब लिखी है। वह भारत के एक शिशु रोग विशेषज्ञ और शिशुओं की देखभाल के विषय में बताने वाले बहुत ही अच्छे शिक्षक हैं।

<p><span style="color: rgb(33, 37, 41); font-family: system-ui, -apple-system, &quot;Segoe UI&quot;, Roboto, &quot;Helvetica Neue&quot;, Arial, &quot;Noto Sans&quot;, &quot;Liberation Sans&quot;, sans-serif, &quot;Apple Color Emoji&quot;, &quot;Segoe UI Emoji&quot;, &quot;Segoe UI Symbol&quot;, &quot;Noto Color Emoji&quot;; letter-spacing: 0.7px; text-align: justify;">यह वैज्ञानिक तथा व्यावसायिक रूप से जांची गई जानकारियों जैसे शिशु काल से लेकर जवान होने तक होने वाले परिवर्तनों, सामान्य शिशु का बड़ा होना तथा शुरुआती समय में होने वाली कमियों तथा सामान्य स्वास्थ्य परेशानियों के विषय में बताती है । घर पर ली गई सावधानियों से सामान्य बीमारियों से सुरक्षा, घर में होने वाली दुर्घटनाओं आदि के विषय में विस्तृत जानकारी इस पुस्तक के माध्यम से ली जा सकती है । स्वयं की स्वच्छ्ता, स्वास्थ्य तथा स्वच्छ वातावरण, संतुलित पोषण, नियमित टीकाकरण से रोगों की रोकथाम, शिशु का शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक विकास किस प्रकार परिवार से जुड़ा रहता है इन बातों की विस्तृत विवेचना की गई है। पुस्तक सामान्य, आसानी से समझ आने वाली भाषा में, तथा सामान्य चिकित्सा संबंधी जानकारी के साथ लिखी गई है । यह पुस्तक सभी अभिभावकों तथा भावी अभिभावकों को भारत में ही नहीं बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया में सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तथा पर्यावरणीय समानताओं के कारण शिशु के पालन-पोषण के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान कराएगी ।</span><br></p>