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<p><span data-sheets-value="{"1":2,"2":"छत्रपति शिवाजी की जीवनी भारतीय इतिहास के एक महान योद्धा की जीवन गाथा है। उनका साहस, आत्मविश्वास और वीरता उतने ही महान और मजबूत थे जितने कि उनके द्वारा निर्मित, विजित और शासित अनेकों विशाल किले। शिवाजी मध्यकालीन विश्व के प्रथम शासक थे जिन्होंने सामंती प्रथा समाप्त करने का क्रांतिकारी विचार अपनाया। वे एक न्यायप्रिय एवं कल्याणकारी शासक थे जिनका अपनी प्रजा के प्रति एक उदार दृष्टिकोण था। उन्होंने सैन्य संगठन, किलों की वास्तुकला, समाज एवं राजनीति में कई क्रांतिकारी परिवर्तन किये। अंदर के पृष्ठों में इस बात का रुचिकर एवं खोजपूर्ण वर्णन है कि किस प्रकार एक बालक, जो अपने पिता के संरक्षण के अभाव में पला-बढ़ा था, बिना किसी औपचारिक शिक्षा और प्रशिक्षण के एक महान योद्धा एवं मराठा राज्य का अधिपति बन कर उभरा। उनकी बहादुरी के कारनामों ने मुगल साम्राज्य की नींव हिला दी थी जो कि सदियों से भारत के ऊपर सफलतापूर्वक शासन कर रहे थे। पुस्तक पाठकों में न केवल वीर शिवाजी के समान वीरता की भावना उत्पन्न करेगी अपितु इसके साथ-साथ अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने और संघर्ष करने की भावना भी जगाएगी।"}" data-sheets-userformat="{"2":12477,"3":{"1":0,"3":1},"5":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"6":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"7":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"8":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"10":1,"15":"Calibri","16":11}" style="font-size: 11pt; font-family: Calibri, Arial;">छत्रपति शिवाजी की जीवनी भारतीय इतिहास के एक महान योद्धा की जीवन गाथा है। उनका साहस, आत्मविश्वास और वीरता उतने ही महान और मजबूत थे जितने कि उनके द्वारा निर्मित, विजित और शासित अनेकों विशाल किले। शिवाजी मध्यकालीन विश्व के प्रथम शासक थे जिन्होंने सामंती प्रथा समाप्त करने का क्रांतिकारी विचार अपनाया। वे एक न्यायप्रिय एवं कल्याणकारी शासक थे जिनका अपनी प्रजा के प्रति एक उदार दृष्टिकोण था। उन्होंने सैन्य संगठन, किलों की वास्तुकला, समाज एवं राजनीति में कई क्रांतिकारी परिवर्तन किये। अंदर के पृष्ठों में इस बात का रुचिकर एवं खोजपूर्ण वर्णन है कि किस प्रकार एक बालक, जो अपने पिता के संरक्षण के अभाव में पला-बढ़ा था, बिना किसी औपचारिक शिक्षा और प्रशिक्षण के एक महान योद्धा एवं मराठा राज्य का अधिपति बन कर उभरा। उनकी बहादुरी के कारनामों ने मुगल साम्राज्य की नींव हिला दी थी जो कि सदियों से भारत के ऊपर सफलतापूर्वक शासन कर रहे थे। पुस्तक पाठकों में न केवल वीर शिवाजी के समान वीरता की भावना उत्पन्न करेगी अपितु इसके साथ-साथ अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने और संघर्ष करने की भावना भी जगाएगी।</span><br></p>