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<p><span data-sheets-value="{"1":2,"2":"डॉ॰ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी भारत के एक ऐसे महान सपूत की जीवन गाथा है जो एक महान वैज्ञानिक और एक महान राष्ट्राध्यक्ष था। वे एक महान देशभक्त एवं दिव्यदृष्टा थे। वे भारत के अंतरिक्ष अभियान और मिसाइलों के विकास में गहनता से शामिल थे। बैलिस्टिक मिसाइल एवं प्रक्षेपण तकनीक के विकास में योगदान के कारण उन्हें ‘भारत का मिसाइलमैन’ कहा जाता है। उन्होंने सन् 1998 में भारत के द्वितीय पोखरण नाभिकीय परीक्षण में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वे भारत में इतने लोकप्रिय थे कि उन्हें सन् 2002 में प्रायः सर्वसम्मति से भारत का 11वाँ राष्ट्रपति चुन लिया गया था। अपने कार्यकाल में उन्हें ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा जाता था। अपना राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के पश्चात् वे अपने नागरिक जीवन में लौटकर शिक्षा, लेखन एवं जनसेवा के कार्यों से जुड़े रहे। पुस्तक में उनके जीवन का प्रेरणादायक विवरण है कि कैसे एक साधारण नाविक का निर्धन पुत्र बड़ा होकर एक महान वैज्ञानिक बना और अंततः भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्राध्यक्ष बन गया।"}" data-sheets-userformat="{"2":12477,"3":{"1":0,"3":1},"5":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"6":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"7":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"8":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"10":1,"15":"Calibri","16":11}" style="font-size: 11pt; font-family: Calibri, Arial;">डॉ॰ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी भारत के एक ऐसे महान सपूत की जीवन गाथा है जो एक महान वैज्ञानिक और एक महान राष्ट्राध्यक्ष था। वे एक महान देशभक्त एवं दिव्यदृष्टा थे।<br>वे भारत के अंतरिक्ष अभियान और मिसाइलों के विकास में गहनता से शामिल थे। बैलिस्टिक मिसाइल एवं प्रक्षेपण तकनीक के विकास में योगदान के कारण उन्हें ‘भारत का मिसाइलमैन’ कहा जाता है। उन्होंने सन् 1998 में भारत के द्वितीय पोखरण नाभिकीय परीक्षण में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।<br>वे भारत में इतने लोकप्रिय थे कि उन्हें सन् 2002 में प्रायः सर्वसम्मति से भारत का 11वाँ राष्ट्रपति चुन लिया गया था। अपने कार्यकाल में उन्हें ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा जाता था। अपना राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के पश्चात् वे अपने नागरिक जीवन में लौटकर शिक्षा, लेखन एवं जनसेवा के कार्यों से जुड़े रहे।<br>पुस्तक में उनके जीवन का प्रेरणादायक विवरण है कि कैसे एक साधारण नाविक का निर्धन पुत्र बड़ा होकर एक महान वैज्ञानिक बना और अंततः भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्राध्यक्ष बन गया।</span><br></p>