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<p><span data-sheets-value="{"1":2,"2":"यह पुस्तक कल्पना चावला की जीवन-गाथा है जो कि भारतीय मूल की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री थीं। कल्पना चावला अपने कड़े परिश्रम एवं अध्ययन द्वारा सफलता की ऊँचाइयों को छूने का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं और इसके लिये समस्त भारतीय समुदाय की श्रद्धा एवं प्रेम की पात्र हैं। वह स्त्री-पुरुष की परस्पर समानता की उत्तम द्योतक थीं एवं महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्ति हेतु प्रोत्साहन की समर्थक थीं। पुस्तक कल्पना चावला के बचपन, परिवार, शिक्षा एवं अंतरिक्ष विज्ञान में उनके योगदान पर पर्याप्त प्रकाश डालती है। वह भारतीय मूल की प्रथम महिला थीं जो अपनी कड़ी मेहनत और गहन अध्ययन द्वारा दो बार अंतरिक्ष की ऊँचाइयों को छू सकीं थीं। अपनी इस असाधारण प्रतिभा एवं उपलब्धि द्वारा वह दृढ़ता एवं साहस का प्रतीक बन गईं। पुस्तक, इस असाधारण साहसी महिला की रोमांचक जीवन-यात्रा, शिक्षा, नासा में प्रशिक्षण एवं अंतरिक्ष यात्रा और उसमें ऐसे क्या गुण थे जिन्होंने उसे भारत के समस्त युवा वर्ग की प्रेरणा एवं श्रद्धा का पात्र बना दिया, पर भी पर्याप्त प्रकाश डालती है। पुस्तक यह भी दर्शाती है कि कैसे हरियाणा राज्य में करनाल जिले के एक छोटे-से कस्बे की एक साधारण-सी लड़की अनेक महाद्वीपों एवं महासागरों को लांघकर अनंत अंतरिक्ष की खोज में एक विदेशी संस्कृति को अपनाती है और फिर अपनी उस महान अंतहीन खोज में स्वयं अनंत अंतरिक्ष में विलीन हो जाती है।"}" data-sheets-userformat="{"2":12477,"3":{"1":0,"3":1},"5":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"6":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"7":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"8":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"10":1,"15":"Calibri","16":11}" style="font-size: 11pt; font-family: Calibri, Arial;">यह पुस्तक कल्पना चावला की जीवन-गाथा है जो कि भारतीय मूल की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री थीं। कल्पना चावला अपने कड़े परिश्रम एवं अध्ययन द्वारा सफलता की ऊँचाइयों को छूने का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं और इसके लिये समस्त भारतीय समुदाय की श्रद्धा एवं प्रेम की पात्र हैं। वह स्त्री-पुरुष की परस्पर समानता की उत्तम द्योतक थीं एवं महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्ति हेतु प्रोत्साहन की समर्थक थीं। पुस्तक कल्पना चावला के बचपन, परिवार, शिक्षा एवं अंतरिक्ष विज्ञान में उनके योगदान पर पर्याप्त प्रकाश डालती है। वह भारतीय मूल की प्रथम महिला थीं जो अपनी कड़ी मेहनत और गहन अध्ययन द्वारा दो बार अंतरिक्ष की ऊँचाइयों को छू सकीं थीं। अपनी इस असाधारण प्रतिभा एवं उपलब्धि द्वारा वह दृढ़ता एवं साहस का प्रतीक बन गईं। पुस्तक, इस असाधारण साहसी महिला की रोमांचक जीवन-यात्रा, शिक्षा, नासा में प्रशिक्षण एवं अंतरिक्ष यात्रा और उसमें ऐसे क्या गुण थे जिन्होंने उसे भारत के समस्त युवा वर्ग की प्रेरणा एवं श्रद्धा का पात्र बना दिया, पर भी पर्याप्त प्रकाश डालती है। पुस्तक यह भी दर्शाती है कि कैसे हरियाणा राज्य में करनाल जिले के एक छोटे-से कस्बे की एक साधारण-सी लड़की अनेक महाद्वीपों एवं महासागरों को लांघकर अनंत अंतरिक्ष की खोज में एक विदेशी संस्कृति को अपनाती है और फिर अपनी उस महान अंतहीन खोज में स्वयं अनंत अंतरिक्ष में विलीन हो जाती है।</span><br></p>