no information available
<p><span data-sheets-value="{"1":2,"2":"मौलाना अबुल कलाम आजाद की जीवनी भारत के एक ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता की जीवनगाथा है जिन्होंने न केवल महात्मा गाँधी और जवाहरलाल नेहरू सरीखे नेताओं के साथ मिलकर भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष किया वरन् भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत का शिक्षामंत्री बनकर भारतीयों को अज्ञानता, अशिक्षा और बेरोजगारी की जंजीरों से भी मुक्त कराने का मार्ग प्रशस्त किया। मौलाना आजाद एक प्रख्यात विद्वान थे। वे एक पत्रकार के रूप में कार्य करते हुए ब्रिटिश साम्राज्य की निंदा और भारतीय राष्ट्रीयता की भावना को बल देने वाले लेखों द्वारा प्रसिद्ध हुए थे। उन्होंने खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व किया और महात्मा गाँधी के अहिंस, सविनय अवज्ञा और असहयोग आंदोलनों में भाग लिया। उन्होंने मुस्लिमों को उनके रूढ़िवादी विचारों के प्रति जागरूक बनाया और हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिये अत्यधिक प्रयास किये। उन्होंने बंगाल के विभाजन और बाद में भारत के विभाजन का भी पुरजोर विरोध किया। पुस्तक में उनके जीवन का प्रेरणादायक विवरण है कि कैसे मक्का में जन्मा एक साधारण बालक बड़ा होकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष और भारत का प्रथम शिक्षामंत्री बना और स्वतंत्र भारत की नई पीढ़ी को शिक्षा का प्रकाश प्रदान कर उनका भविष्य उज्ज्वल बनाया।"}" data-sheets-userformat="{"2":12477,"3":{"1":0,"3":1},"5":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"6":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"7":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"8":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"10":1,"15":"Calibri","16":11}" style="font-size: 11pt; font-family: Calibri, Arial;">मौलाना अबुल कलाम आजाद की जीवनी भारत के एक ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता की जीवनगाथा है जिन्होंने न केवल महात्मा गाँधी और जवाहरलाल नेहरू सरीखे नेताओं के साथ मिलकर भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष किया वरन् भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत का शिक्षामंत्री बनकर भारतीयों को अज्ञानता, अशिक्षा और बेरोजगारी की जंजीरों से भी मुक्त कराने का मार्ग प्रशस्त किया।<br>मौलाना आजाद एक प्रख्यात विद्वान थे। वे एक पत्रकार के रूप में कार्य करते हुए ब्रिटिश साम्राज्य की निंदा और भारतीय राष्ट्रीयता की भावना को बल देने वाले लेखों द्वारा प्रसिद्ध हुए थे। उन्होंने खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व किया और महात्मा गाँधी के अहिंस, सविनय अवज्ञा और असहयोग आंदोलनों में भाग लिया।<br>उन्होंने मुस्लिमों को उनके रूढ़िवादी विचारों के प्रति जागरूक बनाया और हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिये अत्यधिक प्रयास किये। उन्होंने बंगाल के विभाजन और बाद में भारत के विभाजन का भी पुरजोर विरोध किया।<br>पुस्तक में उनके जीवन का प्रेरणादायक विवरण है कि कैसे मक्का में जन्मा एक साधारण बालक बड़ा होकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष और भारत का प्रथम शिक्षामंत्री बना और स्वतंत्र भारत की नई पीढ़ी को शिक्षा का प्रकाश प्रदान कर उनका भविष्य उज्ज्वल बनाया।</span><br></p>