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<p><span data-sheets-value="{"1":2,"2":"पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले नेताओं में से एक थे। वे आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उन्हें आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में जाना जाता है। वे बच्चों से अत्यधिक प्रेम करते थे, बच्चे भी प्यार से उन्हें चाचा नेहरू बुलाते थे। 1947 में वे स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता और दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के संबंध में अंतिम निर्णय पर अपनी स्वीकृ ति देकर देश का भविष्य तय किया। पाकिस्तान के साथ नई सीमा पर बड़े पैमाने पर पलायन और दंगे, भारतीय संघ में 500 के करीब रियासतों का एकीकरण, नए संविधान का निर्माण, संसदीय लोकतंत्र के लिए राजनैतिक और प्रशासनिक ढांचे की स्थापना जैसी विकट चुनौतियों का सामना उन्होंने अत्यंत प्रभावी ढंग से किया। जवाहरलाल नेहरू के विषय में बहुत सी बातें जानकारी-योग्य हैं। प्रस्तुत पुस्तक उनके आध्यात्मिक ओर राजनीतिक जीवन के प्रायः सभी आयामों पर पर्याप्त प्रकाश डालती है, जिनमें उनके महात्मा गांधी से निकट-संबंध, शिक्षा, पारिवारिक एवं राजनीतिक जीवन एवं छोटी-बड़ी जेल-यात्राएँ भी सम्मिलित हैं। पुस्तक नेहरू के बचपन से लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री पद पर आरूढ़ होने और दुःखद मृत्यु होने तक का वर्णन करती है और दर्शाती है कि कैसे उनके उन्मुक्त विचार एवं निडर नेतृत्व लंबे समय तक ब्रिटिश सरकार की कैद में रहने पर भी स्वतंत्रता आंदोलन का संचालन करने हेतु कमजोर नहीं पड़े थे और अंततः विजयी हुए थे।"}" data-sheets-userformat="{"2":12477,"3":{"1":0,"3":1},"5":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"6":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"7":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"8":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"10":1,"15":"Calibri","16":11}" style="font-size: 11pt; font-family: Calibri, Arial;">पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले नेताओं में से एक थे। वे आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उन्हें आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में जाना जाता है। वे बच्चों से अत्यधिक प्रेम करते थे, बच्चे भी प्यार से उन्हें चाचा नेहरू बुलाते थे। 1947 में वे स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता और दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के संबंध में अंतिम निर्णय पर अपनी स्वीकृ ति देकर देश का भविष्य तय किया। पाकिस्तान के साथ नई सीमा पर बड़े पैमाने पर पलायन और दंगे, भारतीय संघ में 500 के करीब रियासतों का एकीकरण, नए संविधान का निर्माण, संसदीय लोकतंत्र के लिए राजनैतिक और प्रशासनिक ढांचे की स्थापना जैसी विकट चुनौतियों का सामना उन्होंने अत्यंत प्रभावी ढंग से किया। जवाहरलाल नेहरू के विषय में बहुत सी बातें जानकारी-योग्य हैं। प्रस्तुत पुस्तक उनके आध्यात्मिक ओर राजनीतिक जीवन के प्रायः सभी आयामों पर पर्याप्त प्रकाश डालती है, जिनमें उनके महात्मा गांधी से निकट-संबंध, शिक्षा, पारिवारिक एवं राजनीतिक जीवन एवं छोटी-बड़ी जेल-यात्राएँ भी सम्मिलित हैं। पुस्तक नेहरू के बचपन से लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री पद पर आरूढ़ होने और दुःखद मृत्यु होने तक का वर्णन करती है और दर्शाती है कि कैसे उनके उन्मुक्त विचार एवं निडर नेतृत्व लंबे समय तक ब्रिटिश सरकार की कैद में रहने पर भी स्वतंत्रता आंदोलन का संचालन करने हेतु कमजोर नहीं पड़े थे और अंततः विजयी हुए थे।</span><br></p>