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<p><span data-sheets-value="{"1":2,"2":"राजा राममोहन राय की जीवनी एक ऐसे महान समाज-सुधारक की जीवन गाथा है जिसे आधुनिक भारत का निर्माता माना जाता है। वे बंगाल पुनर्जागरण के प्रणेता थे और सती प्रथा के उन्मूलन के लिये उन्हें विश्व भर में जाना जाता है। वे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नव-जागरण युग के पितामह थे। धार्मिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में उनका नाम सबसे अग्रणी है। राजा राममोहन राय ने तत्कालीन भारतीय समाज की कट्टरता, रूढ़िवादिता एवं अंधविश्वासों को दूर करके उसे आधुनिक बनाने का भरपूर प्रयास किया। पुस्तक में भारत के इस महान सपूत के जीवन का प्रेरणादायक विवरण है जो शायद आधुनिक भारत के इतिहास के सर्वाधिक अन्धकारमय युग में जन्मे थे किंतु जिन्होंने सामाजिक-धार्मिक रूढ़ियों और अज्ञानता के अंधकार में जीने वाले करोड़ों भारतीयों के जीवन में प्रकाश का प्रसार किया। "}" data-sheets-userformat="{"2":12477,"3":{"1":0,"3":1},"5":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"6":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"7":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"8":{"1":[{"1":2,"2":0,"5":{"1":2,"2":0}},{"1":0,"2":0,"3":3},{"1":1,"2":0,"4":1}]},"10":1,"15":"Calibri","16":11}" style="font-size: 11pt; font-family: Calibri, Arial;">राजा राममोहन राय की जीवनी एक ऐसे महान समाज-सुधारक की जीवन गाथा है जिसे आधुनिक भारत का निर्माता माना जाता है। वे बंगाल पुनर्जागरण के प्रणेता थे और सती प्रथा के उन्मूलन के लिये उन्हें विश्व भर में जाना जाता है।<br>वे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नव-जागरण युग के पितामह थे। धार्मिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में उनका नाम सबसे अग्रणी है। राजा राममोहन राय ने तत्कालीन भारतीय समाज की कट्टरता, रूढ़िवादिता एवं अंधविश्वासों को दूर करके उसे आधुनिक बनाने का भरपूर प्रयास किया।<br>पुस्तक में भारत के इस महान सपूत के जीवन का प्रेरणादायक विवरण है जो शायद आधुनिक भारत के इतिहास के सर्वाधिक अन्धकारमय युग में जन्मे थे किंतु जिन्होंने सामाजिक-धार्मिक रूढ़ियों और अज्ञानता के अंधकार में जीने वाले करोड़ों भारतीयों के जीवन में प्रकाश का प्रसार किया।</span><br></p>