RPH Editorial Board
<p>"आजकल अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य हिन्दी का प्रश्न-पत्र अनिवार्य है। इन दिनों प्रतियोगिता परीक्षाओं की पद्धति में अन्तर आने लगा है तथा सामान्य हिन्दी विषयक प्रश्न नए प्रकार से पूछे जाने लगे हैं। यह पुस्तक आपकी आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से ही तैयार कराई गई है।</p><p>पुस्तक के प्रारम्भ में भाषा और व्याकरण का अध्ययन तथा किसी भी प्रकरण पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न देने से पहले विषय का विस्तार से विवेचन इस उद्देश्य से किया गया है ताकि प्रतियोगी प्रकरण संबंधी आवश्यक ज्ञान स्वयं उपार्जित कर लें और फिर निज विवेक द्वारा अपेक्षित प्रश्न का उत्तर देने में अपनी प्रज्ञा का प्रयोग करके सही उत्तर को चिन्हित कर सकें। पूरी पुस्तक को सत्रह अध्यायों में विभक्त किया गया है। इस विभाजन में यह ध्यान रखा गया है कि न तो आवश्यक विषय को अछूता रहने दिया जाए और न अनावश्यक विषय को इसमें शामिल किया जाए।</p><p>हमें पूरा विश्वास है कि हमारे अन्य प्रकाशनों की तरह यह पुस्तक भी हमारे प्रतियोगियों की आवश्यकताओं की सम्यक पूर्ति कर सकेगी और उनके भावी जीवन का मार्ग प्रशस्त करने में अपनी भूमिका निभाएगी।"</p>