Vastunishth Hindi: Sahitya & Vyakaran (Objective Hindi)

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Author: RPH Editorial Board
Publisher: Ramesh Publishing House
Edition: 20th
ISBN-10: 9789350125
ISBN-13: 9789350125434
Publishing year: 4 November 2022
No of pages: 228
Weight: 300 g
Book binding: Paperback

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<p><span data-sheets-value="{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:&quot;प्रस्तुत पुस्तक ‘वस्तुनिष्ठ हिन्दी साहित्य तथा व्याकरण’ की रचना विभिन्न वर्ग के पाठकों, विद्यार्थियों तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर की गई है। पुस्तक उन सभी शैक्षिक तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समान रूप में उपयोगी है जहाँ सामान्य हिन्दी का वस्तुनिष्ठ प्रश्न-पत्र अनिवार्य रूप से परीक्षा का अंग होता है। पुस्तक की भाषा सरल एवं सुस्पष्ट है ताकि परीक्षार्थी को हिन्दी साहित्य एवं व्याकरण की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके। पुस्तक की प्रमुख विशेषताएंः • पुस्तक में हिन्दी साहित्य के आदिकाल से लेकर वर्तमान युग तक के इतिहास तथा हिन्दी भाषा और उसके विकास पर सरल एवं सुबोध जानकारी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में प्रस्तुत की गई है। • इसी प्रकार व्याकरण खंड में शुद्धिकरण, शब्द रचना एवं रचना खंड में व्याकरण से संबंधित अन्य विधाओं के प्रश्नोत्तरों का उचित समावेश है। • पाठकों की जानकारी एवं परीक्षा की तैयारी के परीक्षण हेतु प्रत्येक खंड में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तरों का संकलन विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जा रहे प्रश्नों को ध्यान में रखकर किया गया है। आशा है, यह पुस्तक अवश्य ही जिज्ञासु विद्यार्थियों, सामान्य पाठकों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए ‘गागर में सागर’ समान सिद्ध होगी।&quot;}" data-sheets-userformat="{&quot;2&quot;:12477,&quot;3&quot;:{&quot;1&quot;:0,&quot;3&quot;:1},&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;6&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;7&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;8&quot;:{&quot;1&quot;:[{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0,&quot;5&quot;:{&quot;1&quot;:2,&quot;2&quot;:0}},{&quot;1&quot;:0,&quot;2&quot;:0,&quot;3&quot;:3},{&quot;1&quot;:1,&quot;2&quot;:0,&quot;4&quot;:1}]},&quot;10&quot;:1,&quot;15&quot;:&quot;Calibri&quot;,&quot;16&quot;:11}" style="font-size: 11pt; font-family: Calibri, Arial;">प्रस्तुत पुस्तक ‘वस्तुनिष्ठ हिन्दी साहित्य तथा व्याकरण’ की रचना विभिन्न वर्ग के पाठकों, विद्यार्थियों तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर की गई है। पुस्तक उन सभी शैक्षिक तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समान रूप में उपयोगी है जहाँ सामान्य हिन्दी का वस्तुनिष्ठ प्रश्न-पत्र अनिवार्य रूप से परीक्षा का अंग होता है। पुस्तक की भाषा सरल एवं सुस्पष्ट है ताकि परीक्षार्थी को हिन्दी साहित्य एवं व्याकरण की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके।<br>पुस्तक की प्रमुख विशेषताएंः<br>• पुस्तक में हिन्दी साहित्य के आदिकाल से लेकर वर्तमान युग तक के इतिहास तथा हिन्दी भाषा और उसके विकास पर सरल एवं सुबोध जानकारी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में प्रस्तुत की गई है।<br>• इसी प्रकार व्याकरण खंड में शुद्धिकरण, शब्द रचना एवं रचना खंड में व्याकरण से संबंधित अन्य विधाओं के प्रश्नोत्तरों का उचित समावेश है।<br>• पाठकों की जानकारी एवं परीक्षा की तैयारी के परीक्षण हेतु प्रत्येक खंड में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तरों का संकलन विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जा रहे प्रश्नों को ध्यान में रखकर किया गया है।<br>आशा है, यह पुस्तक अवश्य ही जिज्ञासु विद्यार्थियों, सामान्य पाठकों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए ‘गागर में सागर’ समान सिद्ध होगी।</span><br></p>